MS in Orthopaedics Course Details 2025: Eligibility, NEET-PG & INI-CET, Admission, Fees, Salary & Top Colleges – Ultimate 2025 Guide to Orthopaedic Success
MS in Orthopaedics Course: Master of Surgery in Orthopaedics, Medical के क्षेत्र में MS in Orthopaedics Course बेहद प्रतिष्ठित और विशेषज्ञता वाले पोस्टग्रेजुएट कोर्स में से एक है। जिसे आप MBBS के बाद कर सकते हैं। अगर आप MBBS के बाद हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के इलाज में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते […]

MS in Orthopaedics Course: Master of Surgery in Orthopaedics, Medical के क्षेत्र में MS in Orthopaedics Course बेहद प्रतिष्ठित और विशेषज्ञता वाले पोस्टग्रेजुएट कोर्स में से एक है। जिसे आप MBBS के बाद कर सकते हैं। अगर आप MBBS के बाद हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं के इलाज में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, तो MS in Orthopaedics आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यह कोर्स आपको न केवल एक कुशल ऑर्थोपेडिक सर्जन बनाता है, बल्कि समाज में सम्मान, बेहतर करियर के अवसर और अच्छा कमाई भी प्रदान करता है।
यह कोर्स उन डॉक्टरों के लिए है, जो MBBS के बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ बनना चाहते हैं। ऑर्थोपेडिक्स एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आप हड्डियों के रोग से परेशान मरीजों की जिंदगी को बेहतर बनाते हैं, चाहे वह हड्डियों का फ्रैक्चर हो, जोड़ों का दर्द, हड्डियों का मुड़ना, बचपन की चोटों का दर्द या फिर जन्मजात कोई विकार (Disorder) हो। MS in Orthopaedics कोर्स आपको इन सभी रोगों का निदान, उपचार और सर्जिकल प्रक्रियाओं में गहन प्रशिक्षण देता है।
इस लेख में हम Master of Surgery in Orthopaedics कोर्स के बारे में विस्तार से बात करेंगे, जिसमें आपको कोर्स की पूरी जानकारी मिलेगी, जैसे eligibility, fees, salary, और career options के बारे में। तो इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
MS in Orthopaedics Course – Overview
Parameter |
Course Details |
---|---|
Course Name |
Master of Surgery (MS) in Orthopaedics |
Course Level |
Postgraduate (PG) Degree |
Course Duration |
3 Years |
Minimum Eligibility |
MBBS degree from a recognized institute |
Minimum Marks Required |
At least 50% marks in MBBS (40% for reserved categories) |
Admission Process |
Entrance Exam-Based (NEET-PG, INI-CET) |
Entrance Exams |
NEET-PG, INI-CET |
Age Limit |
Minimum 21 years (no upper age limit) |
Main Subjects |
|
Average Course Fees |
|
Average Starting Salary |
₹10 LPA – ₹30 LPA |
Top Job Profiles |
Orthopedic Surgeon, Spine Surgeon, Sports Medicine Specialist, Consultant |
Top Recruiters |
Government Hospitals, Private Hospitals, Research Institutes, Medical Colleges |
What is MS in Orthopaedics Course?
MS in Orthopaedics का Full Form है Master of Surgery in Orthopaedics। यह एक 3 साल का postgraduate degree course है, जिसे आप MBBS कोर्स को पूरा करने के बाद कर सकते हैं। इस कोर्स में आप हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम आदि से जुड़े रोगों के उपचार में विशेषज्ञता हासिल करते हैं। इस कोर्स में सर्जिकल और नॉन-सर्जिकल दोनों तरह की स्किल्स का प्रशिक्षण दिया जाता है, जैसे कि जॉइंट रिप्लेसमेंट, फ्रैक्चर मैनेजमेंट, स्पाइन सर्जरी और स्पोर्ट्स इंजरी ट्रीटमेंट आदि।
MS in Orthopaedics के दौरान आपको theoretical knowledge के साथ-साथ practical surgical training भी दी जाती है, जो आपको ऑपरेशन थिएटर में काम करना, मरीजों का इलाज करना और रिसर्च करने के साथ एक कुशल सर्जन बनाने में मदद करता है। MS in Orthopaedics कोर्स को पूरा करने के बाद ही आप एक कुशल ऑर्थोपेडिक सर्जन (हड्डी रोग विशेषज्ञ) बन सकते हैं।
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MS in Orthopaedics Course कैसे करें?
भारत में MS in Orthopaedics में Admission लेने के लिए सभी छात्रों को NEET-PG (National Eligibility cum Entrance Test for Postgraduate) या INI-CET जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा देनी पड़ती है। इन परीक्षाओं में अच्छा स्कोर लाना जरूरी है, ताकि आप एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सके। NEET-PG या INI-CET स्कोर के आधार पर ही Medical Counselling Committee (MCC) या राज्य स्तर पर काउंसलिंग होती है। जिसमें आपको उपलब्ध सीटों के अनुसार कॉलेज और स्पेशलाइजेशन अलॉट किया जाता है।
Eligibility Criteria for MS in Orthopaedics Admission
MS in Orthopaedics एक postgraduate course है, जिसकी अवधि (Duration) लगभग 3 साल की होती है, जिसमे सैद्धांतिक पढ़ाई (मतलब किसी एक विषय के सिद्धांत, नियमों और कॉन्सेप्ट्स पर फोकस होता है) और इसके साथ-साथ practical training पर भी जोर दिया जाता है। MS in Orthopaedics में दाखिला लेने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं जरूरी हैं:
- शैक्षिक योग्यता: छात्रों के पास किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान/कॉलेज से MBBS की डिग्री होनी चाहिए, जिसमें कम से कम 50% अंक होने चाहिए और आरक्षित वर्ग के लिए कम से कम 40% अंक होने चाहिए।
- इंटर्नशिप: MBBS कोर्स करने के बाद 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप पूरी की होनी चाहिए। और उम्मीदवार को भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) या संबंधित राज्य चिकित्सा परिषद के साथ रजिस्टर्ड किया होना चाहिए।
- आयु सीमा: NEET-PG के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष है, और कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।
- अन्य: अगर आपने विदेश से MBBS की डिग्री की है, तो उसे भारतीय चिकित्सा परिषद (NMC) द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए और आपका एक स्क्रीनिंग टेस्ट होगा जैसे FMGE (विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा) या NExT (राष्ट्रीय चिकित्सा परीक्षा) ये एग्जाम आपको पास करना होगा।
MS in Orthopaedics Admission Process 2025
- NEET-PG/INI-CET रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले आपको NEET-PG की आधिकारिक वेबसाइट https://nbe.edu.in या INI-CET की आधिकारिक वेबसाइट https://aiimsexams.ac.in पर रजिस्टर करना होगा।
- प्रवेश परीक्षा: NEET-PG या INI-CET परीक्षा पास करें। यह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं होती हैं। अच्छे से पढ़ाई करके इस परीक्षा में अच्छे अंकों से परीक्षा उत्तीर्ण करें।
- काउंसलिंग: अपने NEET या INI-CET स्कोर के आधार पर MCC या राज्य स्तर की काउंसलिंग होगी, NEET स्कोर के आधार पर ही आपको कॉलेज मिलेगा, अगर आपका NEET-PG का स्कोर अच्छा है तो आपका एडमिशन अच्छे टॉप कॉलेज में होगा।
- दस्तावेज़ सत्यापन: आवंटित कॉलेज में अपने दस्तावेज जैसे MBBS मार्कशीट, इंटर्नशिप सर्टिफिकेट, NEET-PG/INI-CET स्कोरकार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करें।
- फीस जमा करें: कॉलेज की जो भी फीस होगी जो कॉलेज द्वारा निर्धारित की जाती है, उससे जमा करके अपना प्रवेश पक्का करें।
MS in Orthopaedics Course Fees Structure: Government vs Private Colleges
Type of College |
Annual Fee |
---|---|
Government College |
₹50,000 – ₹3,00,000 per year |
Private College |
₹10,00,000 – ₹60,00,000 per year |
कुछ टॉप सरकारी कॉलेज जैसे AIIMS Delhi, JIPMER Puducherry या PGIMER Chandigarh में फीस ₹1-3 लाख (पूरे कोर्स के लिए) तक होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों जैसे Kasturba Medical College या SGT University में फीस ₹60 लाख तक भी जा सकती है।
MS in Orthopaedics Syllabus Overview
MS in Orthopaedics का syllabus 6 सेमेस्टर (3 वर्षों) में बाँटा गया है, जिसमें theoretical, practical, और research components शामिल होते हैं।
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First Year: Basic Medical Sciences (Anatomy, Physiology, Biochemistry), Orthopedic Principles, Musculoskeletal Anatomy, and Patient Interaction.
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Second Year: Specialization-specific subjects जैसे Trauma Surgery, Joint Replacement, Sports Medicine, Pediatric Orthopaedics, और Clinical Rotations.
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Third Year: Advanced Surgical Training, Spine Surgery, Arthroscopy, Research Projects, Thesis Submission, और Super-Specialty Exposure.
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Practical Training: Hospital-based surgical training, operation theatre exposure, fracture management, और joint replacement surgeries.
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Research Component: Thesis या research project on a specific orthopedic topic, जैसे “Management of Distal Tibial Fractures”।
MS in Orthopaedics Course के बाद कितनी Salary मिलती है?
MS in Orthopaedics पूरा करने के बाद एक ऑर्थोपेडिक सर्जन की शुरुआती सैलरी ₹10 लाख से ₹30 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है। और जैसे–जैसे अनुभव बढ़ेगा, अनुभव बढ़ने के साथ यह सैलरी ₹50 लाख या उससे भी ज़्यादा हो सकता है। Private hospitals में शुरुआती वेतन ₹60,000 – ₹1,20,000 प्रति माह तक हो सकता है, लेकिन आप अपना निजी प्रैक्टिस या क्लीनिक भी साथ में शुरू कर सकते है। और सरकारी बड़े अस्पतालों में सैलरी ₹1,00,000 से ₹2,50,000 प्रति माह हो सकती है, और साथ में अन्य भत्ते भी मिलते हैं।
Higher Studies After MS in Orthopaedics
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MCh (Master of Chirurgiae): Super-specialty courses जैसे Spine Surgery, Joint Replacement, या Pediatric Orthopaedics।
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PhD in Orthopaedics: रिसर्च और एकेडमिक करियर के लिए।
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Fellowship Programs: Specialized fields जैसे Arthroscopy, Trauma Surgery, या Sports Medicine।
Top 10 Colleges for MS in Orthopaedics in India
FAQ – MS in Orthopaedics Course
Is NEET-PG required for MS in Orthopaedics course?
Yes, NEET-PG या INI-CET पास करना भारत में MS in Orthopaedics में एडमिशन के लिए अनिवार्य है।
How many marks are required in NEET-PG for MS in Orthopaedics?
Cutoff हर साल बदलता है, लेकिन सामान्य वर्ग के लिए 50th percentile और आरक्षित वर्ग के लिए 40th percentile जरूरी है।
What is the difference between MS in Orthopaedics and MD?
MD एक क्लिनिकल डिग्री है, जो मरीजों के निदान और इलाज पर फोकस करती है, जबकि MS in Orthopaedics एक सर्जिकल डिग्री है, जो हड्डियों और जोड़ों की सर्जरी पर केंद्रित है।